वो हथेली पे राई जमाता रहे हम ख्वाबो की खिचडी पकाते रहे।
2
वो नदी दूध की बहाते रहे
स्वर्ग होता है क्या सुनाते रहे।।
3
वो टोपी पे टोपी पहनाते रहे।
ऐडे बनके वो पेडे खाते रहे
4
लाल गुदडी के दामन छुपाते रहे।
चाल हंसों की दिखाते रहे।
5
घूंट ज़हर के पिये है कई
लाल गूदडी के बनाते रहे
6
चांद को मामा बनाते रहे
इस तरह ख्वाब दिखाते रहे
7
बीवी निर्धन की भाभी सदा ही बनी
सोना पीतल को बताते रहे।।
8
चांद को बस निहारे चकोर
प्यार पाने को जां गवांते रहे।
चकोरचतुर्वेदी इन्दौर गीतकार शाइर
3170£साई व्दार सुदामा नगर इन्दौर मां अम्बे दूध डेरी के पास इन्दौर-9
(9977746556)
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