साहित्य की बहती धारा समागम
चित्र अभिव्यक्ति प्रतियोगिता
8 . 8 . 2021
है तिरंगा शान देश की
तिरंगे को नमन हमारा ह
हम भारत के नन्हे बच्चे
हमें देश जान से प्यारा है
विश्व शिरोमणि सरताज़
ये भारत देश हमारा है।
ये आजादी की दौलत
हमने बलिदानों से पाई है
लहू की नदियाँ बही थी
तब आजादी आई है।
यही तिलक का नारा है
आजादी पे हक हमारा है।
हम भारत के नन्हे बच्चे
हमें देश जान से प्यारा है
बैरी की ललकारों पे हम
सिंह बनकर दहाडेंगे
सरहद में यदि घुस आऐ
तो फिर चुन - चुनकर मारेंगे
बैरी कोई आंख दिखाऐ
ये हमको नही गंवारा है।
हम भारत के नन्हे बच्चे
हमें देश जान से प्यारा है।
मां भारती का आंचल कोई
छूने कभी न पाऐगा
हमसे टकराकर बैरी
चूर-चूर हो जायेगा।
ये ही शपथ हमारी है
और यही कर्त्तव्य हमारा है।
हम भारत के नन्हे बच्चे
हमें देश जान से प्यारा है।
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स्व रचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
लेखिका - ममता यादव (प्रान्जली काव्य ब्लॉग लिंक)
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Mamta.yadav22755@gmail.com
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