Monday, August 2, 2021

अजय अग्रवाल_यक्ष प्रश्‍न

 ............"यक्ष प्रश्न"...........


जग की रीति निराली ,

   पकायें पुलाव ख्याली ।


गर निज मेहनत रंग लाई ,

   "मै हूँ ना" आ जतायें ठकुराई ।


गर श्रम हो जाये निष्फल ,

   कहन लगे "मै ना था" कल ।


बन चौधरी आग लगायें ,

    जतन पर पानी फेर जायें ।


भरम है या भरमाया गया ,

    धूमिल "यक्ष प्रश्न", हो कहां धर्म पुत्र ।।


अजय अग्रवाल"पप्पी"...स्वरचित.मौलिक ...ग्वालियर मध्यप्रदेश

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